अब क्रिकेट खिलाड़ी करते हैं करोड़ों में कमाई, कभी मिलता था एक टेस्ट खेलने पर एक रुपया। आज हम बात करेंगे भारतीय क्रिकेटरों की कमाई के बारे में। आज के दौर में जहां आईपीएल में खिलाड़ी करोड़ों रुपये में बिकते हैं, वहीं एक जमाना था जब भारतीय क्रिकेटरों को एक टेस्ट मैच खेलने के लिए सिर्फ एक रुपया मिलता था।
पहले एक रुपया और फिर पांच रुपये मिले
भारतीय टीम के पूर्व खिलाड़ी माधव आप्टे ने बताया था कि 40 के दशक में जब भारतीय टीम खेलती थी तो खिलाड़ियों को एक टेस्ट मैच खेलने के लिए एक रुपया मिलता था। ये रकम भी लांड्री भत्ते के रूप में दी जाती थी।
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ताकि वे अपनी सफेद पोशाक को साफ रख सकें। इसके बाद ये रकम बढ़ाकर पांच रुपये प्रति टेस्ट मैच कर दी गई। उस समय खिलाड़ी जहाज से नहीं बल्कि ट्रेन से यात्रा करते थे।
ट्रेन से सफर और मामूली होटलों में ठहरना
क्रिकेटर तब ट्रेन से सफर करते थे और उन्हें मामूली होटलों में ठहराया जाता था। आज के खिलाड़ी हवाई जहाज से यात्रा करते हैं और पांच सितारा होटलों में रहते हैं।
70 के दशक तक भी भारतीय क्रिकेटरों को हर मैच के लिए दो हजार रुपये के आसपास मिलते थे। 80 के दशक में प्रति टेस्ट मैच फीस पांच हजार से दस हजार रुपये तक पहुंची।
कांट्रैक्ट सिस्टम ने किया मालामाल
खिलाड़ियों की कमाई में असल उछाल तब आया जब बीसीसीआई ने 2004 में पहली बार क्रिकेटर कांट्रैक्ट सिस्टम लागू किया।
तब देश के 17 शीर्ष खिलाड़ियों को ग्रेड सिस्टम ऑफर किया गया। सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ जैसे दिग्गजों को ए ग्रेड दिया गया था।
तब हर ग्रेड में मिलती थी ये रकम
- ग्रेड ए – 50 लाख रुपये
- ग्रेड बी – 35 लाख रुपये
- ग्रेड सी – 20 लाख रुपये
इसके साथ उस समय क्रिकेटरों को मैच में मिलने वाली फीस इस तरह थी:
- टेस्ट मैच – दो लाख रुपये (विदेश में 2.4 लाख रुपये)
- वन-डे – 1.6 लाख रुपये ( विदेश में 1.85 लाख रुपये)
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आज मिलते हैं करोड़ों रुपये
आज भारतीय क्रिकेटरों की कमाई करोड़ों रुपये में है। आईपीएल में तो खिलाड़ी करोड़ों रुपये में बिकते हैं। बीसीसीआई ने भी खिलाड़ियों के कांट्रैक्ट में मोटी रकम का इजाफा किया है।
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