ईसीबी के सीईओ का Revolutionary Proposal: Disabled क्रिकेट को मिलेगा नया dimension! इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) के सचिव रिचर्ड गोल्ड ने एक ऐतिहासिक पहल करते हुए अपने समकक्ष बीसीसीआई सचिव जय शाह को पत्र लिखकर दो राष्ट्रीय दिव्यांग क्रिकेट टीमों के गठन का प्रस्ताव रखा है।
यह Proposal, जिसमें एक दृष्टिबाधित (नेत्रहीन) टीम और एक संयुक्त टीम (शारीरिक रूप से दिव्यांग, बौद्धिक रूप से दिव्यांग और श्रवण बाधित) शामिल है, दिव्यांग समुदायों के बीच क्रिकेट को बढ़ावा देने और उन्हें खेल के साथ जोड़ने का एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारत में दिव्यांग क्रिकेट का वर्तमान परिदृश्य
वर्तमान में, भारत में भारतीय दिव्यांग क्रिकेट परिषद (डीसीसीआई) है, जो बीसीसीआई की एक उप-समिति के रूप में कार्य करती है। डीसीसीआई दिव्यांग क्रिकेटरों के लिए विभिन्न टूर्नामेंटों का आयोजन करती है, लेकिन भारतीय बोर्ड स्वतंत्र रूप से कोई टूर्नामेंट आयोजित नहीं करता है।
ईसीबी के प्रस्ताव का महत्व
ईसीबी का प्रस्ताव दिव्यांग क्रिकेट को एक नया आयाम देगा। राष्ट्रीय टीमों के गठन से दिव्यांग क्रिकेटरों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें पहचान और प्रोत्साहन मिलेगा।
इसके अलावा, यह प्रस्ताव दिव्यांग समुदायों के बीच क्रिकेट को लोकप्रिय बनाने में मदद करेगा और उन्हें खेल के साथ जोड़ने का एक माध्यम प्रदान करेगा।
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आगे की राह
बीसीसीआई को ईसीबी के प्रस्ताव पर विचार करना चाहिए और दिव्यांग क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिए। राष्ट्रीय टीमों के गठन के अलावा, बीसीसीआई को दिव्यांग क्रिकेटरों के लिए Training सुविधाओं और बुनियादी ढांचे में सुधार करने पर भी ध्यान देना चाहिए।
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