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कैसे रफ्तार के सौदागर उमरान मलिक ने खोया भरोसा? बॉलिंग कोच पारस महाम्ब्रे ने खोला अंदर का राज़

Sangeeta Viswas
2 months ago

Paras Mhambrey On Umran Malik: कैसे रफ्तार के सौदागर उमरान मलिक ने खोया भरोसा? बॉलिंग कोच पारस महाम्ब्रे ने खोला अंदर का राज़। उमरान मलिक (Umran Malik) को लेकर एक वक़्त पर बहुत बात हो रही थी, लेकिन मौजूदा वक़्त में उमरान को टीम इंडिया में तो छोड़िए बल्कि आईपीएल टीम की प्लेइंग इलेवन में भी जगह नहीं मिल रही है.

एक वक़्त पर बहुत रोमांचक खिलाड़ी बन गए थे

उमरान ऐसे तेज़ गेंदबाज़ के रूप में सामने आए थे, जो लगातार 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गेंदबाज़ी कर रहे थे.

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उमरान की इस रफ्तार ने सभी का ध्यान खींचा था और एक वक़्त पर बहुत रोमांचक खिलाड़ी बन गए थे. अब टीम इंडिया के बॉलिंग कोच रह चुके पारस महाम्ब्रे ने बताया कि कैसे उमरान ने भरोसा खो दिया.

उमरान के पास अच्छी रफ्तार थी, लेकिन लाइन और लेंथ के साथ वह हमेशा ही संघर्ष करते दिखे. टीम इंडिया में आने के बाद उमरान ने कुछ वक़्त तक अपनी पेस से सभी को प्रभावित किया, लेकिन खराब लाइन और लेंथ के चलते वह निरंतर नहीं रह पाए.

पारस महाम्ब्रे ने उमरान को लेकर तमाम अंदर की बातें बताईं

अब राहुल द्रविड़ की कोचिंग कार्यकाल में भारत के बॉलिंग कोच रहे पारस महाम्ब्रे ने उमरान को लेकर तमाम अंदर की बातें बताईं.

इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए पारस महाम्ब्रे ने कहा, “मुझे लगता है कि किसी को टैलेंट बनाना होगा. किसी के पास एक्सप्रेस गति होना एक अनोखी बात है और आप उसमें क्षमता देखते हैं.

जह वह 145-148 (किमी प्रति घंटे) की रफ्तार से गेंदबाज़ी करते हुए सामने आए- मैं उन लोगों में से नहीं हूं जो 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार दिखाने वाले स्पीड गन से प्रभावित हो जाऊं क्योंकि मुझे नहीं लगता कि यह सही है.

लगातार 140 से ऊपर की रफ्तार हिट कर रहे थे

आपको एहसास होता है कि रफ्तार उनकी ताकत थी. वह ज़ाहिर तौर पर तेज़ थे और लगातार 140 से ऊपर की रफ्तार हिट कर रहे थे.”

बॉलिंग कोच ने आगे कहा, “उस रफ्तार पर लगातार गेंदबाज़ी अच्छी है और उसने ऐसा किया. लेकिन वह ऐसा कैसे करता है? टी20 में अगर आपको पास कंट्रोल नहीं है, तो आप संघर्ष करेंगे.

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एक बार आप ऐसा करते हैं, आप कप्तान का भरोसा खो देते हैं. इसलिए उन्हें कंट्रोल हासिल करना चाहिए और यह तभी होता है जब आप रणजी खेलते हैं.

इसलिए हम उसे रणजी ट्रॉफी खेलने के लिए पुश कर रहे हैं क्योंकि जब वह एक सीज़न से गुज़रेंगे, तो दबाव में भी अपनी स्किल का इस्तेमाल करने में सफल होंगे.”

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