घरेलू क्रिकेट के प्रतिष्ठित टूर्नामेंट Deodhar Trophy के मुकाबले इस समय खेले जा रहे है। साल 2019 के बाद साल 2023 में इस Deodhar का आयोजन किया गया। इस Deodhar को शुरू हुए 50 साल पूरे हो चुके है। इस साल 6 टीमों के बीच इस टूर्नामेंट में मुकाबले round robin format में खेले जा रहे है।
ऐसे में सभी टीमें एक-एक बार दूसरी टीम के खिलाफ मुकाबला खेल रही है और अंत में जो दो टीमें प्वाइंट्स टेबल में टॉप की 2 टीमें होगी वह फाइनल मैच खेलेगी।
साल 1973-74 में देवधर ट्रॉफी में देश का पहला रिकॉर्डेड वनडे मैच खेला गया था। ऐसे में इस आर्टिकल के जरिए जानते हैं किसने देवधर ट्रॉफी की शुरुआत का सुझाव दिया था और क्यों देवधर नाम ही रखा गया?
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Deodhar Trophy की शुरुआत prof. DV Deodhar ने की थी, जिन्हें Grand Old Man of Indian Cricket भी कहते हैं। उनके नाम पर ही Deodhar Trophy का नाम रखा गया। बता दें कि भारत ने 1932 में अपना पहला टेस्ट मैच खेला था और उस दौरान 40 साल के एक उम्रदराज खिलाड़ी को टीम में मौका नहीं दिया गया था। लगभग 1910 से क्रिकेट से जुड़े होने के बावजूद वह ऐसे भारतीय क्रिकेटर थे जिन्होंने एक भी टेस्ट नहीं खेला।
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1939-41 तक Deodhar ने Ranji Trophy में महाराष्ट्र टीम की कप्तानी की थी। उन्होंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट मैच में 246 के बेस्ट स्कोर के साथ 4522 रन बनाए। Deodhar उन क्रिकेटर्स में से एक है, जिन्होंने First World War से पहले फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेलने का मौका मिला और Second World War के बाद भी खेला। Deodhar को Maharashtra Cricket Association का अध्यक्ष और बाद में BCCI का उपाध्यक्ष और चयनकर्ता बनाया। उन्होंने 1993 में 101 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया।
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