David Warner को 14 सदस्यीय टेस्ट टीम में चुना गया है, जो पहला टेस्ट मैच खेलेगी। निश्चित तौर पर उनको बेस्ट इलेवन में चुना जाएगा। हालांकि, पूर्व तेज गेंजबाज Mitchell Johnson इससे खुश नहीं हैं। रविवार को द वेस्ट ऑस्ट्रेलिया को लिखे अपने कॉलम में जॉनसन ने इस बात पर सवाल उठाए हैं कि खराब फॉर्म और 2018 बॉल टैंपरिंग का हिस्सा रहे David Warner को क्योंकि हीरो की तरह विदाई दी जा रही है। पिछले दो साल में टेस्ट क्रिकेट में उनका औसत 27 से कम है, जबकि 36 टेस्ट पारी उन्होंने खेली हैं। कुछ ही बड़ी पारी उनके बल्ले से निकली हैं।
Mitchell Johnson ने लिखा, “पांच साल हो गए हैं और David Warner को अभी भी गेंद से छेड़छाड़ कांड का सच पता नहीं चला है। अब जिस तरह से वह विदाई ले रहे हैं वह उसी अहंकार और हमारे देश के प्रति अनादर पर आधारित है। जैसा कि हम David Warner की विदाई सीरीज की तैयारी कर रहे हैं, क्या कोई मुझे बता सकता है कि ऐसा क्यों? क्यों एक संघर्ष कर रहे टेस्ट ओपनर को अपने रिटायरमेंट की तारीख नोमिनेट करने दी और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े स्कैंडल में से एक के केंद्र में रहने वाले खिलाड़ी को हीरो की तरह विदाई क्यों दी जानी चाहिए?”
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उन्होंने आगे लिखा, “Warner निश्चित रूप से ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट कप्तान नहीं हैं और इस मामले में कभी भी इसके हकदार नहीं हैं। वास्तव में उन्होंने अपना करियर आजीवन लीडरशिप बैन के तहत समाप्त किया। हां, उनका ओवरऑल रिकॉर्ड अच्छा है और कुछ लोग कहते हैं कि वह हमारे सबसे महान ओपनिंग बल्लेबाजों में से एक हैं, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनके पिछले तीन साल सामान्य रहे हैं, उनका बल्लेबाजी औसत इतना खराब है कि एक टेलेंडर खुश होगा।”
Johnson का आगे कहना है कि यह दक्षिण अफ्रीका में गेंद से छेड़छाड़ का अपमान है, जिसे कई लोग कभी नहीं भूलेंगे। हालांकि, Warner सैंडपेपरगेट में अकेले नहीं थे, वह उस समय टीम के एक वरिष्ठ सदस्य थे और ऐसे व्यक्ति थे जो ‘नेता’ के रूप में अपनी कथित शक्ति का उपयोग करना पसंद करते थे।
Mitchell Johnson आगे पूछते हैं, “क्या यह वास्तव में एक ऐसे खिलाड़ी को हीरो जैसा रिटायरमेंट देने की गारंटी देता है, पाकिस्तान के खिलाफ आखिरी सीरीज, जिसकी भविष्यवाणी एक साल पहले ही कर दी गई थी जैसे कि वह खेल और ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम से भी बड़ा हो? माना कि उन्होंने पिछली गर्मियों में एमसीजी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ अपना दोहरा शतक बनाया था, लेकिन वे वर्षों में उनके द्वारा बनाए गया एकमात्र बड़ा स्कोर था । इस साल की एशेज सीरीज में से पहले वे 17 टेस्ट पारियों में 50 तक पहुंचने में एक बार ही सफल हुए थे।”
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