लोकेश कुमार 2 दिन पहले तक फूड डिलीवरी एग्जीक्यूटिव के रूप में काम कर रहे थे, उन्होंने भी नहीं सोचा होगा कि वह वर्ल्ड कप में एक नेट गेंदबाज के रूप में जुड़ेंगे। 29 वर्षीय मुकेश अब नीदरलैंड क्रिकेट टीम के सपोर्ट स्टाफ का हिस्सा हैं, जो अलूर, चेन्नई में इस टीम को अभ्यास करवा रहा है। वह स्पिन गेंदबाज के रूप में नेट पर बल्लेबाजों को तैयारी करवा रहे हैं।
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लोकेश इस वर्ल्ड कप में नेट गेंदबाज बनकर शामिल
पहली बार है जब वर्ल्ड कप का पूरा आयोजन भारत में होने जा रहा है। 5 अक्टूबर से वर्ल्ड कप शुरू हो रहा है, जिसका भारतीय फैंस को बेसब्री से इन्तजार है। सभी फैंस को उम्मीद है कि घर पर खेलते हुए टीम इंडिया इस बार खिताब जरूर जीतेगी। लोकेश भी उन करोड़ों फैंस में शामिल होंगे जो वर्ल्ड कप का इन्तजार कर रहे होंगे लेकिन उन्हें भी अंदाजा नहीं होगा कि वह खुद इस वर्ल्ड कप नेट गेंदबाज बनकर शामिल होंगे।
10 हजार गेंदबाजों में से लोकेश का चयन
2018 से फूड डिलीवरी कंपनी में काम कर रहे लोकेश कुमार को नीदरलैंड क्रिकेट टीम ने मंगलवार को अपने नेट गेंदबाज के रूप में चुना। इस टीम ने सोशल मीडिया पर नेट गेंदबाजों के लिए विज्ञापन दिया था। करीब 10 हजार गेंदबाजों को देखने के बाद टीम ने इस लेफ्ट-आर्म स्पिन गेंदबाज को चुना। लोकेश ने अपनी गेंदबाजी की वीडियो ऑनलाइन ही भेजी थी।
लोकेश- मैंने अभी तक टीएनसीए थर्ड डिवीजन लीग में भी नहीं खेला है
लोकेश ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया से बात करते हुए कहा, “यह मेरे करियर के सबसे अनमोल क्षणों में से एक है। मैंने अभी तक टीएनसीए थर्ड डिवीजन लीग में भी नहीं खेला है। मैं चार साल तक पांचवें डिवीजन में खेला है और चौथे डिवीजन संगठन इंडियन ऑयल (आरओ) एस एंड आरसी के लिए सीजन के लिए रजिस्टर किया। मुझे लगता है कि मेरी प्रतिभा है जिसे आखिरकार पहचान लिया गया।”
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मुझे पहले से ही लगता है कि मैं नीदरलैंड टीम का हिस्सा हूं
लोकेश ने बताया, “तैयार शुरू करने से पहले नेट गेंदबाजों के लिए इंडक्शन समारोह था। नीदरलैंड टीम के सदस्यों ने मेरा स्वागत किया। खिलाड़ियों ने हम नेट गेंदबाजों से कहा कि आप बेझिझक रहें, यह आपकी टीम है। मुझे पहले से ही लगता है कि मैं नीदरलैंड टीम का हिस्सा हूं।”
फूड डिलीवरी एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करना अप्रत्यक्ष रूप से एक क्रिकेटर को विकसित में मदद करना रहा
लोकेश इस टीम के साथ जुड़ने के बाद काफी खुश हैं। उन्होंने बताया, “विज्ञापन देखने के बाद मैं इसके लिए अप्लाई करने को उत्सुक था। लगा था कि मुझे इसलिए प्राथमिकता मिलेगी क्योंकि देश में चाइनामैन बॉलर ज्यादा नहीं हैं। नीदरलैंड टीम को एक मिस्त्री स्पिनर की तालाश थी, इसलिए मैंने इसके लिए अप्लाई करने का फैसला किया। फूड डिलीवरी एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करना अप्रत्यक्ष रूप से एक क्रिकेटर के रूप में विकसित होने में मदद कर रहा है।”