Gautam Gambhir Change Statement : गौतम गंभीर और एमएस धोनी ने श्रीलंका के खिलाफ 2011 विश्व कप फाइनल के दौरान 109 रनों की यादगार साझेदारी की थी और भारत को 28 साल बाद विश्व कप जीतने में मदद की थी। गंभीर अपने शतक से तीन रन से चूक कर 97 रन बनाकर आउट हुए थे, लेकिन एमएस धोनी 91 रन बनाकर अंत तक थे और विनिंग शॉट लगाया था। गंभीर कई बार बोल चुके हैं कि कोई एक खिलाड़ी या कप्तान वर्ल्ड कप नहीं जीता सकता, पूरी टीम वर्ल्ड कप जीतती है। उनका ये बयान धोनी को लेकर जोड़ा जाता है, क्योंकि अक्सर वर्ल्ड कप की याद में वो विनिंग शॉट ही दिखाया जाता है और धोनी को उस खिताब का काफी क्रेडिट मिलता है। गंभीर ने एक बार फिर धोनी को लेकर बयान दिया है, लेकिन इस बार धोनी के फैंस उनके बयान से खुश हो जाएंगे।
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गौतम गंभीर ने कहा, “मेरे पसंदीदा क्रिकेट पार्टनर एमएस धोनी थे। लोग सोचते हैं कि मेरे पसंदीदा पार्टनर वीरेंद्र सहवाग थे, लेकिन मुझे वास्तव में धोनी के साथ खेलना ज्यादा पसंद था, खासकर सफेद गेंद वाले क्रिकेट में।”
गंभीर दिल की बात कहने में बिलकुल भी नहीं कतराते
गंभीर ऐसे क्रिकेटर हैं जो अपनी बातों को स्पष्ट रूप से रखते हैं, वह अपने दिल की बात कहने में बिलकुल भी नहीं कतराते। गंभीर कई बार बोल चुके हैं कि वर्ल्ड कप में अकेले विश्व कप नहीं जीता बल्कि पूरी टीम का प्रयास था और इन्ही बयानों की वजह से गंभीर धोनी के फैंस के निशाने पर रहते हैं। वह अपनी बात सीधे तरीके से रखते हैं लेकिन कई फैंस इसे धोनी का अपमान मानते हैं और फिर सोशल मीडिया पर गंभीर की आलोचना करते हैं। हालाँकि गंभीर धोनी की तारीफ़ भी कई बार चुके हैं। वर्ल्ड कप से पहले गंभीर ने पूर्व धोनी की तारीफ़ करते हुए कहा था कि उन्होंने टीम के लिए अपने अंतरराष्ट्रीय रनों का बलिदान दिया।
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धोनी अगर नंबर 3 पर बैटिंग करते तो मुझे भरोसा है कि वह कई ओडीआई रिकॉर्ड तोड़ सकते थे
स्टार स्पोर्ट्स पर बोलते हुए गंभीर ने कहा था, “धोनी अगर नंबर 3 पर बैटिंग करते तो मुझे भरोसा है कि वह कई ओडीआई रिकॉर्ड तोड़ सकते थे।” लोग एक कप्तान के रूप में धोनी की उपलब्धियों के बारे में बात करते हैं, जो सही है। लेकिन मुझे लगता है कि कप्तानी के कारण उन्होंने अपने अंदर के बल्लेबाज का त्याग कर दिया और वह अपने बल्ले से और भी बहुत कुछ हासिल कर सकते थे, जो उन्होंने नहीं किया। और ऐसा तब होता है जब आप कप्तान होते हैं क्योंकि तब आप टीम को आगे रखते हैं और अपने बारे में भूल जाते हैं। उन्होंने नंबर 6 या 7 पर बल्लेबाजी की। धोनी कप्तान नहीं होते, तो वह नंबर 3 के बल्लेबाज होते। और मुझे लगता है कि उन्होंने जितने रन बनाए उससे अधिक रन बना सकते थे और अधिक शतक भी बना सकते थे।”