IND vs ENG, 3rd टेस्ट: भारत के अनुभवी ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन 500 टेस्ट विकेट लेने वाले दूसरे भारतीय बनने के बाद काफी संतुष्ट हैं और जब उनसे अनिल कुंबले के महा टेकोर्ड को तोड़ने के बारे में पूछा गया तो उन्होनें कहा कि उन्हें अनिल कुंबले के 619 विकेट के नेशनल रिकॉर्ड का पीछा करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।

IND vs ENG, 3rd टेस्ट: अनिल कुंबले का बड़ा रिकॉर्ड तोड़ने पर ये क्या बोले रविचंद्रन अश्विन ?

रविचंद्रन अश्विन ने दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद मीडिया से कहा :-

अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ तीसरे टेस्ट के दूसरे दिन का खेल खत्म होने के बाद मीडिया से कहा, ”इसका बहुत ही सरल उत्तर ‘नहीं’ है। यह रिकॉर्ड 120 विकेट दूर है। मैं हर दिन जीना चाहता हूं और मैं 37 साल का हूं। नहीं जानता कि आगे क्या होने वाला है। अगले दो महीनों में क्या होगा? आप यह सीरीज खेल रहे हो और फिर आगे क्या, तुम्हें नहीं पता।”

अश्विन ने आगे कहा, ”पिछले चार-पांच सालों में मैंने यही सीखा है, यह बहुत ही सरल है और मेरे लिए कारगर भी रहा है। जो चीज आपके लिए कारगर हो, उसे क्यों बदलना?”

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PM नरेंद्र मोदी ने भी दी आश्विन को बधाई :-

पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार, 16 फरवरी को अपने ऑफिशल सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अश्विन को बधाई देते हुए लिखा, “500 टेस्ट विकेट लेने की असाधारण उपलब्धि पर रविचंद्रन अश्विन को बधाई! उनकी यात्रा और उपलब्धियां उनके कौशल और दृढ़ता का प्रमाण हैं। मेरी ओर से उन्हें शुभकामनाएं ।”

साथ ही आस्ट्रेलिया के नाथन लियोन ने भी पिछले दिसंबर में अपने 500 टेस्ट विकेट पूरे किये थे। अश्विन ने खुलासा किया कि इस ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी ने भी उन्हें बधाई दी है।

अश्विन ने अपने इतने लम्बे सफर को याद करते हुए कहा :-

अपने करियर के सबसे यादगार दिन अपनी जर्नी के बारे में बात करते हुए अश्विन ने कहा , ”यह बहुत लंबी यात्रा रही है। नहीं जानता कि कहां से शुरू करूं क्योंकि मैं कोइन्सिडेंटली स्पिनर बना। मैं हमेशा बल्लेबाज बनना चाहता था। जिंदगी ने मुझे मौका दिया और जब मैं चेन्नई सुपर किंग्स के ड्रेसिंग रूम में गया तो मुथैया मुरलीधरन नई गेंद से गेंदबाजी नहीं करना चाहते थे और मुझे नई गेंद डालनी पड़ी।”

अश्विन ने कहा, ”मैंने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में अच्छी शुरूआत की और मेरा करियर अच्छा था। लेकिन IPL के मंच ने मुझे काफी लोगों की नजरों में ला दिया और मुझे टेस्ट डेब्यू का मौका मिला। लोगों को संदेह था कि मैं टेस्ट गेंदबाज बन पाऊंगा या नहीं और 10 से 13 साल बाद मैं कहूंगा कि यह बुरा नहीं है, यह बुरी उपलब्धि नहीं है। मैं बहुत खुश हूं। ”

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