Mohammed Shami Bowling: वर्ल्ड कप 2023 में शमी ने 23 विकेट लिए जिसमे से 18 विकेट मैच के दूसरे पारी में लिए हैं। उनकी सीधी सीम पोजिशन इस टूर्नामेंट में चर्चा का विषय रही है, लेकिन शाम को गेंद को दोनों ओर घुमाने की उनकी क्षमता ने ही उन्हें एक घातक गेंदबाज बना दिया है।
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शमी कभी सिर्फ टेस्ट गेंदबाज ही माने जाते थे
एक समय शमी को केवल टेस्ट गेंदबाज माना जाता था, जो सीमित ओवरों में रन लुटाता था। लेकिन उनके एक घातक गेंदबाज बनने की कहानी उनके क्रिकेट करियर के शुरुआती दिनों में ही छिपी है। घातक गेंदबाज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के शासापुर से आते हैं।
शमी के कोच ने खोला राज
इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में शमी के बचपन के कोच मोहम्मद बदरुद्दीन ने खुलासा किया है कि कैसे वे हमेशा से एक बहादुर गेंदबाज रहे हैं और उन्होंने एक उनको क्रॉस सीम से गेंदबाजी करने की भी सलाह दी थी। लेकिन कम बोलने वाले शमी को भी इस सलाह पर गुस्सा आ गया था।
बदरुद्दीन हंसते हुए कहते हैं, ”उन्होंने मुझे घूरा और मुझसे कहा, ये क्रॉस सीम डरपोक डालते हैं। मेरी ताकत सीम है और मैं उससे समझौता नहीं करूंगा।”
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शमी के कोच ने कहा, “वह कभी भी क्रॉस-सीम का उपयोग नहीं करते हैं। यहां तक कि अगर उनकी गेंदों की पिटाई भी होती है, तब भी वह अपनी सीम पोजीशन से समझौता नहीं करते हैं।”
बदरुद्दीन का कहना है कि 2020 में लॉकडाउन के दौरान शमी ने अपनी सफेद गेंद से गेंदबाजी पर काम करना शुरू किया।
शमी ने अपने फार्महाउस पर फ्लडलाइट वाली क्रिकेट पिच तैयार की थी
उन्होंने कहा, “हर सुबह, वह छह सफेद गेंदों को पानी से भरी बाल्टी में रखते थे। उस दौरान उन्होंने अपने फार्महाउस पर फ्लडलाइट वाली क्रिकेट पिच तैयार की थी। वह रात में लगातार तीन से चार घंटे तक उन गीली गेंदों से गेंदबाजी करते थे।”
सफेद गेंद में महारत हासिल करने में शमी को तीन साल लग गए।