इंटरनेशनल क्रिकेट कॉउंसिल (ICC) द्वारा दिसंबर 3, 2023 में एक्सपेरिमेंटल बेसिस पर इंट्रोडूस किये गए स्टॉप क्लॉक रूल को क्रिकेट के सभी स्टैंडर्ड प्लेयिंग कंडीशन में शामिल करने की पूरी तैयारी हो चुकी है और स्टॉप क्लॉक रूल को जून में होने वाले T20 World Cup के दौरान मंजूरी मिलना लगभग तय है।
T20I मैचों में ही नहीं बल्कि ODI में भी किया जायेगा इम्प्लीमेंट :-
साथ ही आपको बता दे कि ओवरों के बीच इलेक्ट्रॉनिक वॉच को केवल T20I मैचों में ही लागू नहीं किया जाएगा, बल्कि ODIs में भी लागू किया जाएगा। इस रूल का प्राइमरी गोल मैचों को समय पर पूरा करना सुनिश्चित करना है।
क्या है स्टॉप क्लॉक रूल ?
ICC द्वारा इंट्रोडूस किये गए स्टॉप क्लॉक रूल के मुताबिक, फील्डिंग टीम को ओवरों के बीच 60 सेकंड का समय मिलेगा, इस दौरान उन्हें काउंटडाउन शून्य तक पहुंचने से पहले अगला ओवर शुरू करना होगा। यह 60 सेकंड की उलटी गिनती T20I या ODIs के हर ओवर के बीच होगी और ऐसा नहीं करने पर फील्डिंग टीम को भरी नुकसान झेलना पड़ सकता है।
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तीसरा अंपायर करेगा टाइमर चालू :-
इस रूल को लागू करने की जिम्मेदारी अंपायरों की है और तीसरा अंपायर टाइमर चालू करेगा। इस रूल के अकॉर्डिंग फील्ड अंपायर पहली दो बार इस रूल को तोड़ने फील्डिंग टीम को वार्निंग देगी और तीसरी या उसके बाद हर एक बार ऐसा करने पर फील्डिंग टीम पर 5 रन का जुर्माना लगाया जायेगा।
टाइमर को यूज़ करने का डिसिशन अंपायरों पर डिपेंड करता है, जिनके पास यह डिसिशन लेने का अधिकार भी है कि देरी बल्लेबाजों, DRS कॉल या किसी अप्रत्याशित परिस्थितियों (unexpected circumstances) के कारण हुई है या नहीं।
दुबई में चल रही ICC की बैठकों में दी गयी इसकी मंजूरी :-
दिसंबर 2023 में एक्सपेरिमेंटल बेसिस पर शुरू किये गए इस नियम का टेस्टिंग पीरियड अप्रैल में समाप्त होने वाला था लेकिन इस बीच माना जाता है कि दुबई में चल रही ICC की बैठकों में ICC और इसकी क्रिकेट कमिटी ने नियम को परमानेंट बनाने में कई सरे मेरिट्स देखे और इसको परमानेंट करने पर मंजूरी दे दी।
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