ईडन गार्डन्स में जब सौरव गांगुली ने बनाया अपना दास्तान भारतीय क्रिकेट के इतिहास में एक ऐसा नाम है जिसे क्रिकेट के जीवन में ‘दादा’ के रूप में याद किया जाता है – सौरव गांगुली। उनका जुनून, उनका अनुभव, और उनका आत्मविश्वास क्रिकेट के प्रेमियों के दिलों में आज भी बसा है। और ईडन गार्डन्स में हुए एक मैच ने उनके इस दास्तान को और भी रोशनी में डाल दिया।

जब वो बने पुणे वॉरियर्स की टीम के कप्तान

2012 के आईपीएल में, कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम में गांगुली को बड़े उत्साह और जोश के साथ देखा गया था। जब उन्हें अपनी ही शहर के खिलाफ पुणे वॉरियर्स की टीम के कप्तान बनाया गया, तो उन्होंने अपने अनुभव का परिचय एक बार फिर से दिया।

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अपनी पारी सी किया सबको आनंद दिलाया

मैच के दौरान, गांगुली ने एक विशेष अदायगी दिखाई। उनकी 36 रन की नपी-तुली पारी ने मैच को उत्तेजित किया और दर्शकों को उनकी अद्वितीय क्रिकेट का आनंद दिलाया। यह मैच न केवल एक क्रिकेटीय जीत थी, बल्कि गांगुली की फिर से मैच के मैदान पर वापसी की घोषणा भी थी।

Saurav Ganguly gets the credit of giving a platform to young players like Yuvraj Singh, Harbhajan Singh, Zaheer Khan, etc to shine. But why Dhoni doesn't get the same credit in the
ईडन गार्डन्स में जब सौरव गांगुली ने बनाया अपना दास्तान

जब उन्होंने विकेट खो दिया, तो स्टेडियम में शोर और उत्साह की लहर थी। यह मैच सिर्फ एक जीत नहीं था, बल्कि गांगुली की बारीक क्रिकेट क्षमता को दिखाने का एक सबूत भी था।

यह मैच सिर्फ खेल का एक पल नहीं था, बल्कि इतिहास में गांगुली के लिए एक और सफलता की कहानी थी। उनका जीवन क्रिकेट के साथ गहराई से जुड़ा है, और यह मैच उनके प्रेम और समर्थन को दिखाता है जो उन्हें हमेशा साथ रहता है।

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