गौतम गंभीर ने कोच बनने से पहले ही दिए बड़े बदलाव के संकेत. पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर ने यो-यो टेस्ट पर सवाल उठाए हैं। पूर्व सलामी बल्लेबाज ने कहा कि टीम इंडिया में जगह बनाने के लिए केवल फिटनेस ही एक पैमाना नहीं होना चाहिए।
क्या यो-यो टेस्ट का नियम बदल जाएगा
गौतम गंभीर टीम इंडिया के अगले हेड कोच भी हो सकते हैं। तो ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि अगर गंभीर मुख्य कोच बनते है तो क्या यो-यो टेस्ट का नियम बदल जाएगा। टी20 वर्ल्ड कप 2024 के बाद वर्तमान हेड कोच राहुल द्रविड़ का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
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गंभीर ने स्पोर्ट्सकीड़ा से बातचीत में कहा, “फिटनेस एक फैक्टर होना चाहिए, लेकिन मैं इस बात से भी सहमत नहीं हूं कि फिट कहलाने के लिए हमें फिटनेस टेस्ट पास करना होगा।
कुछ लोग शारीरिक रूप से इतने मजबूत होते हैं
फिटनेस का सीधा संबंध ट्रेनर से होना चाहिए। अगर किसी ट्रेनर को लगता है कि आप पर्याप्त फिट हैं। कुछ लोग शारीरिक रूप से इतने मजबूत होते हैं कि वे जिम में बहुत अधिक वजन उठा सकते हैं।”
गंभीर ने कहा, “यो-यो टेस्ट के कारण अगर किसी खिलाड़ी का टीम में सिलेक्शन नहीं होता है तो यह मुझे नहीं लगता कि यह तरीका सही है। आप प्लेयर्स को उनके टैलेंट, उनकी बैटिंग स्किल, उनकी बॉलिंग स्किल के आधार पर चुनते हैं।
सिर्फ इसलिए कि कोई यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाता
यह ट्रेनर का काम है उनकी फिटनेस पर काम करते रहना और उन्हें शारीरिक रूप से भी बेहतर बनाते रहना। सिर्फ इसलिए कि कोई यो-यो टेस्ट पास नहीं कर पाता और उसका सिलेक्शन नहीं हो पाता, मुझे लगता है कि यह थोड़ा अनफेयर है।”
गंभीर ने हाल ही में एक इवेंट में कहा था कि भारतीय टीम की कोचिंग करने में दिलचस्पी दिखाई थी। उन्होंने कहा था, “मुझे भारतीय टीम का हेड कोच बनकर अच्छा लगेगा।
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अपनी नेशन टीम को कोचिंग देने बड़े सम्मान की बात है। आप 140 करोड़ भारतीयों और दुनिया भर के लोगों का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।”
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