IPL में स्लो ओवर रेट का नियम: क्या है, क्यों है जरूरी, और क्या सजा मिलती है? आईपीएल में स्लो ओवर रेट का नियम कप्तानों के लिए सिरदर्द बन गया है। ऋषभ पंत, संजू सैमसन, शुभमन गिल के बाद अब हार्दिक पंड्या भी इस फेहरिस्त में शामिल हो गए हैं। पंजाब किंग्स के खिलाफ मैच में धीमी गति से गेंदबाजी करने पर पंड्या पर 12 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।
सरल शब्दों में कहें तो, निर्धारित समय में ओवर पूरे न करना ही स्लो ओवर रेट माना जाता है। आईपीएल में, 20 ओवर 90 मिनट या डेढ़ घंटे में फेंकने होते हैं। इसमें ढाई-ढाई मिनट के दो स्ट्रेटेजिक टाइम-आउट शामिल हैं। इसमें डीआरएस समीक्षा और खिलाड़ी की चोटों के लिए लिया गया समय शामिल नहीं होता है।
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तो अगर कोई टीम निर्धारित समय में ओवर पूरे नहीं करती है तो क्या होता है?
लेकिन यह नियम क्यों जरूरी है?
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तो, अगली बार जब आप आईपीएल मैच देख रहे हों और आपको लगे कि गेंदबाजी धीमी हो रही है, तो याद रखें कि स्लो ओवर रेट का नियम क्यों जरूरी है।
आपको स्लो ओवर रेट के नियम के बारे में क्या लगता है? क्या आपको लगता है कि यह एक उचित नियम है?
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