रविंद्र जडेजा: गरीबी से उठकर बने क्रिकेट के महानतम ऑलराउंडर. रविंद्र जडेजा, जिन्हें एमएस धोनी ने प्यार से “सर जडेजा” का नाम दिया, आज भारत के सबसे महानतम ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक हैं। 6,000 से अधिक रन और 550 से भी अधिक विकेट के साथ, जडेजा ने तीनों प्रारूपों में भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी जगह पक्की कर ली है।

लेकिन जडेजा का सफर आसान नहीं रहा।

जामनगर में जन्मे, गरीबी से जूझा बचपन

जडेजा का जन्म गुजरात के जामनगर में एक साधारण परिवार में हुआ था। उनके पिता एक वॉचमैन थे और मां एक सरकारी अस्पताल में नर्स थीं। परिवार गरीबी से जूझ रहा था, और जडेजा को अक्सर अपने दोस्तों से भेदभाव का सामना करना पड़ता था।

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क्रिकेट से मिला सहारा

जडेजा के लिए क्रिकेट एक सहारा बन गया। उन्होंने 16 साल की उम्र में भारत के लिए अंडर-19 क्रिकेट में डेब्यू किया और 2008 में अंडर-19 विश्व कप जीतने वाली टीम का हिस्सा बने।

रविंद्र जडेजा: गरीबी से उठकर बने क्रिकेट के महानतम ऑलराउंडर

मां का निधन, टूट गया सहारा

लेकिन जडेजा के जीवन में एक बड़ा झटका तब लगा जब उनकी मां का 17 साल की उम्र में एक्सीडेंट में निधन हो गया। जडेजा टूट गए और क्रिकेट छोड़ने का फैसला भी कर लिया।

बहन का सहारा, फिर से उठी उम्मीदें

लेकिन उनकी बड़ी बहनों ने उन्हें हिम्मत दी और उन्हें क्रिकेट पर वापस लौटने के लिए प्रेरित किया। जडेजा ने अपनी बहनों की बात मानी और फिर से कड़ी मेहनत करना शुरू कर दिया।

रविंद्र जडेजा: गरीबी से उठकर बने क्रिकेट के महानतम ऑलराउंडर

अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में धमाकेदार शुरुआत

2009 में, जडेजा ने श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टी20 क्रिकेट में भारत के लिए डेब्यू किया। उन्होंने अपनी पहली वनडे पारी में ही अर्धशतक जमाया और जल्द ही खुद को भारतीय टीम के एक अहम खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर लिया।

आईपीएल में भी चमके

जडेजा ने आईपीएल में भी शानदार प्रदर्शन किया है। उन्होंने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए कई खिताब जीते हैं और उन्हें आईपीएल के इतिहास के सबसे सफल ऑलराउंडर खिलाड़ियों में से एक माना जाता है।

पुरस्कारों से सम्मानित

जडेजा को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिनमें पद्म श्री, आईसीसी क्रिकेटर ऑफ द ईयर और आईपीएल मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर शामिल हैं।

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आज के युवा क्रिकेटरों के लिए प्रेरणा

रविंद्र जडेजा गरीबी और मुश्किलों से जूझकर क्रिकेट के शिखर तक पहुंचे हैं। वह आज के युवा क्रिकेटरों के लिए एक प्रेरणा हैं और उनका जीवन संघर्ष और सफलता की प्रेरणादायक कहानी है।

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