भारत न्यूजीलैंड के खिलाफ अपने अगले World Cup मैच में Hardik Pandya के बैगैर खेलेगी। यह किसी से भी छुपा नहीं है कि वह टीम के लिए कितने महत्वपूर्ण खिलाड़ी हैं। उनके हरफनमौला कौशल को पालयिंग XI में replace करना संभव नहीं है।
परिणामस्वरूप, भारत को धर्मशाला में एक अपूर्ण संतुलित टीम उतारनी होगी, चाहे वे कोई भी रास्ता अपनाएँ।
यदि भारतीय टीम more depth वाले छह गेंदबाज चाहते हैं, तो उनका विकल्प पंड्या के जगाह आर अश्विन को लाना है। इसका मतलब होगा कि छठे नंबर पर रवींद्र जड़ेजा के साथ एक कमजोर निचला-मध्य क्रम ।
अधिक सही तरीका यह होगा कि पंड्या की जगह एक बल्लेबाज को लाया जाए और केवल पांच गेंदबाजों को खिलाया जाए। सूर्यकुमार यादव के पास एक्स-फैक्टर है, जबकि इशान किशन के पास अधिक ODI खेलने का अनुभव है और यह भारत को एक अतिरिक्त बाएं हाथ के बल्लेबाज़ का विकल्प देता है।
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हालाँकि, पंड्या की जगह केवल बल्लेबाज़ी करने वाले खिलाडी को लाने से भारत को संभावित गेंदबाजी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन शार्दुल ठाकुर को पांचवे गेंदबाजी विकल्पों में से एक के रूप में चुनने पर टीम को आपत्ति हो सकती है।
छठे गेंदबाज के रूप में जो भूमिका शार्दुल विश्व कप में अब तक निभा रहे हैं वह भारत को नंबर 8 पर बल्लेबाजी में गहराई देता हैं। लेकिन क्या टीम उन पर न्यूजीलैंड के खिलाफ दस ओवर का अच्छा स्पैल डालने का भरोसा कर सकती है ? यह भी एक बड़ा सवाल है।
अगर भारत पंड्या की जगह सूर्यकुमार या किशन को लेता है और ठाकुर की जगह अश्विन को लाता है, तो उनके पास बल्लेबाजी में अच्छी गहराई होगी और पांचवां गेंदबाज होगा जिस पर दस ओवर डालने के लिए भरोसा किया जा सकता है। लेकिन इससे उनके पास केवल दो तेज गेंदबाज – जसप्रित बुमराह और मोहम्मद सिराज – और तीन स्पिनर – अश्विन, रवींद्र जड़ेजा और कुलदीप यादव – हो जाएंगे।
तो इससे हमे यह पता चलता है कि भारतीय टीम जितने ही प्रयास क्यों न कर ले वह हार्दिक पंड्या की कमी को पूरा नहीं कर सकते, केवल एक संतुलित टीम बनाने का प्रयास कर सकते है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह हार्दिक पंड्या की जगह किसे टीम में लाते है।
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